tag:blogger.com,1999:blog-6936932745482542299.post1451752634727581964..comments2023-10-31T02:44:42.590-07:00Comments on संवेदना: अब तो मैं भूलने लगा था तुम्हें...अनिल कुमार वर्माhttp://www.blogger.com/profile/10635664667141503918noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6936932745482542299.post-10817665196796439362009-04-08T10:57:00.000-07:002009-04-08T10:57:00.000-07:00काफी दर्द छुपा रखा है अनिल जी...हर शब्द से टपक रहा...काफी दर्द छुपा रखा है अनिल जी...हर शब्द से टपक रहा है...अच्छी कविता...बधाईAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6936932745482542299.post-30347055631281283982009-04-07T18:34:00.000-07:002009-04-07T18:34:00.000-07:00कहते हैं कि-खुदा के वास्ते आँखों से पोंछ लो आँसू।र...कहते हैं कि-<BR/><BR/>खुदा के वास्ते आँखों से पोंछ लो आँसू।<BR/>रहेगा कौन इस टपकते हुए मकानों में।।<BR/><BR/>सादर <BR/>श्यामल सुमन<BR/>09955373288<BR/>मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।<BR/>कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।<BR/>www.manoramsuman.blogspot.com<BR/>shyamalsuman@gmail.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.com