tag:blogger.com,1999:blog-6936932745482542299.post5802370070350935785..comments2023-10-31T02:44:42.590-07:00Comments on संवेदना: बस यूं हीअनिल कुमार वर्माhttp://www.blogger.com/profile/10635664667141503918noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6936932745482542299.post-63112178730387882472008-08-12T07:14:00.000-07:002008-08-12T07:14:00.000-07:00प्रिय अनिल कुमार वर्मा... आपकी दुनिया में आकर सचमु...प्रिय अनिल कुमार वर्मा... आपकी दुनिया में आकर सचमुच अच्छा लगा... हालांकि ये दुनिया नयी नहीं है... लेकिन फिर भी दिखाई देते हुए भी नहीं दिखती... साधुवाद...satyendra Yadavhttps://www.blogger.com/profile/08055022267167381202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6936932745482542299.post-35086860714981631342008-06-16T03:38:00.000-07:002008-06-16T03:38:00.000-07:00अनिल जी,वाह क्या बात है... आपने तो दिल की बात कह द...अनिल जी,<BR/>वाह क्या बात है... आपने तो दिल की बात कह दी ... लेकिन दोस्त यही दुनिया है ... दोस्त आज भी मैं वो फूल ढूंढ रहा हूं जो भगवान भोलेनाथ ने एक राजा को दिये थे ... याद है आपको ... एक बार भगवान भोलेनाथ एक राजा पर खुश हो गये ... उन्होंने कहा, वत्स ... वर मांगो ... राजा कुछ देर सोचता रहा ... फिर बोला ... भगवन ... अगर आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो मुझे ऐसे फूल दे दीजिये जिसकी खुशबू से हर तरफ प्यार और मोहब्बत फैले ... भगवान राजा के जवाब से बहुत खुश हुए और तथास्तु कहकर अंन्तर्ध्यान हो गये ... निश्चय ही राजा को वो फूलों के पौधे और उनके बीज जरुर मिले होंगे ... और मैं उन्हें आज तक ढूंढ रहा हूं जिस दिन मुझे मिल जायेंगे मैं सारे काम छोड़कर बस उन्हीं फूलों की खेती करूंगा और दुनिया भर में उन्हें मुफ्त भेजूंगा ...Ritu Raj Guptahttps://www.blogger.com/profile/17523091170977514104noreply@blogger.com