09 फरवरी 09
दुनिया भर के लोगों पर प्यार और मोहब्बत के पर्व वेलेंटाइन डे का बुखार छाने लगा है। फिर भला ये कैसे अछूते रहते। सो ये भी एक दूसरे से अपनी मोहब्बत का इजहार करने से बाज नहीं आए लेकिन लगता है इन्हें श्रीराम सेना के फरमान के बारे में जानकारी नहीं है। वेलेंटाइन डे को सभ्यता और संस्कृति के लिए खतरा बताने वाले इस संगठन ने वेलेंटाइन डे मनाने वाले जोड़ों की जबरदस्ती शादी कराने का ऐलान कर रखा है। इस फरमान की नाफरमानी करते इस जोड़े की तो ये सरासर दादागिरी है। अरे भाई कोई मुतालिक जी को सूचित तो करो...यहां वेलेंटाइन डे मनाया जा रहा है। अरे कहां हो भारतीय संस्कृति के ठेकेदारों...जरा देखो ये क्या हो रहा है।
रविवार, 8 फ़रवरी 2009
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2 टिप्पणियां:
चित्र के माध्यम से बड़ा मर्मस्पर्शी चित्रण किया है। आज अच्छा लग रहा है कि आपसे जैसे कुछ लोंग कुछ बातें पशुओं से सीखने के नसीयत दे रहे है। किन्तु जब आप अपनी भूख मिटने के लिये इन्हे भोज्य पदार्थ के रूप में उपयोग करते है तो आपकी संवेदना कहॉं चली जाती है।
खैर, आप यह वैलेन्टाईन डे की बात कर रहे है, तो मै भी वही आना चाहूँगा। प्रेम का इजहार गलत नही है, प्रेम का प्रचार और प्रदर्शन गलत है। हमारे यहॉं प्रेम को सर्वोपरी रखा गया है, इसके लिये स्वयं कामदेव प्रेम के देवता के रूप में पूजे जाते है। ऋषि वात्सायन तो पूरा कामसूत्र की रचना कर डाली है। अगर कोई हिन्दु संस्कृति प्रेम की विरोधी होती तो न कामदेव पूजे जाते और वात्सायन का वही हस्र होता जो अरस्तु आदि का हुआ था।
यदि भगवान राम और श्रीकृष्ण ने रावण और कंस जैसे राक्षसो को मारकर समाज सुधार का ठेका लिया था तो उनके भक्त भी इसी रास्ते पर चले तो विरोध क्यो ? रही बात प्रेम के इजहार की तो हमारे यहाँ प्रेम की मिसाल की कोई कमी नही है कि भारतीयो को दुनिया के उठाईगीर वैलेन्टाईन की जरूरत पड़े। भारतीय प्रेम तो सदाबहार है जिसे किसी दिन में बांटना गलत होगा।
बढ़िया व्यंग्य है...
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