गुरुवार, 22 मई 2008

हाल-ए-नोएडा

22मई 2008

दिल्ली से सटा उत्तर प्रदेश का जिला गौतमबुद्दनगर यानि नोएडा किसी परिचय का मोहताज नहीं है। 203 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले पांच लाख की आबादी वाले इस जिले में कारोबार की अपार संभावनाएं युवाओं से लेकर हर वर्ग के लोगों को अपनी ओर खींच रहा है। बात रिहाइश की हो यो फिर रोजगार की राजधानी दिल्ली को भी ये शहर मात देता नजर आ रहा है लेकिन इन अच्छाइयों के साथ साथ इस शहर में कुछ बुराइयां भी पल रही है। मैं सभी तो नहीं हां कानून व्यवस्था की बात ज़रूर करूंगा। नोएडा का निठारी कांड हो या फिर भूमि आंबटन घोटाला, अनंत आपहरण कांड हो या फिर आए दिन ब्लू लाइन के पहियों तले कुचले जाते लोगों की व्यथा ये शहर अखबारों से लेकर इलेक्ट्रानिक मीडिया तक के लिए खास तवज्जो का केंद्र रहा है। इधर बीते कुछ महीनों से सपनों के इस शहर में हत्याओ का सिलसिला सा चल पड़ा है। बीती 18 मार्च को हुई स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी की हत्या के बाद आजकल नोएडा सेक्टर 25 में हुए दोहरे हत्याकाण्ड को लेकर एक बार फिर से चर्चा में है। डीपीएस की कक्षा नौ की छात्रा आऱुषि तलवार और उसके नौकर हेमराज की हत्या पुलिस के लिए जहां एक चुनौती बनकर सामने खड़ी है वहीं प्रदेश सरकार भी इस मामले को लेकर सवालों के कठघरे में खड़ी नजर आ रही है। घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस अपनी कार्यशैली को लेकर मीडिया के निशाने पर रही। लापरवाही के आरोप में जिले के पुलिस कप्तान और इलाके के थानाध्यक्ष के तबादले तक कर दिए गए लेकिन बावजूद इसके अभी तक हत्यारे पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। अब नोएडा पुलिस ने इस हत्याकांड के खुलासे में मदद के लिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच से संपर्क साधा है। उधर इस हत्याकांड के बाद मुख्यमंत्री मायावती एक बार जिले का दौरा भी कर गईं लेकिन उन्होंने तो इस मामले पर कुछ बोलने से ही मना कर दिया। हालांकि उन्होंने जन समस्याओं के निराकरण के लिए अधिकारियों की क्लास ज़रूर लगाई लेकिन कानून व्यवस्था को लेकर फिलहाल उन्होंने कुछ भी नहीं कहा। उनके इस बर्ताव पर मुझे तो किसी कवि द्वारा कही गई ये पंक्तियां एकदम सटीक लगती हैं-

तुम्हारे शहर में कुछ भी हुआ नहीं है क्या
कि तुमने चीखों को सचमुच सुना नहीं है क्या
मैं इक ज़माने से हैरान हूँ कि हाकिम-ए-शहर
जो हो रहा है उसे देखता नहीं है क्या


हालांकि नोएडा एक और वजह से खासा चर्चा में है और वो है यहां लगातार ज़मीनों की कीमत मे लगातार हो रही बढोतरी। नोएडा विकास प्राधिकरण ने जमीन के दामों में 70 से 80 फीसदी का अप्रत्याशित इजाफा किया है। ग्रेटर नोएडा में आवासीय भूखंडो की दरों को 5900 रुपये से बढ़ाकर 10,500 रुपये प्रति वर्ग मीटर,संस्थागत श्रेणी के भूंखडों के दाम 2800 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये प्रति वर्ग मीटर और कामर्शियल श्रेणी में 12,000 रुपये से 20,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिये गये है। कह सकते हैं कि अब नोएडा में आम आदमी के लिए मकान खरीदने का सपना भी हाथी पालने के बराबर हो गया है। बदहाल कानून व्यवस्था और आसमान छूती ज़मीन की कीमतों के साथ साथ पीने के पानी की समस्या और बिजली की आंख मिचौली के बीच लोग अपने सपनों में हकीकत का रंग भरने के लिए इस शहर की और दौडे चले आ रहे हैं।

post by-
anil kumar verma

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