शुक्रवार, 16 जनवरी 2009

भगवान बचाए पुरुषों से



16 जनवरी 09
तस्वीर में छपी इन दोनों आदिवासी महिलाओं को ज़रा गौर से देखिए। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की रहने वाली अकली बाई और बिलासो नाम की इन दोनों महिलाओं को पुरुषों से डर लगता है...आज से या एक दो महीने पहले से नहीं नहीं बल्कि किशोरावस्था से ही...डर भी ऐसा वैसा नहीं, इस कदर कि इन्होंने ताउम्र के लिए पुरुषों के साथ से ही तौबा कर ली। दरअसल इन दोनों महिलाओं के साथ तीस साल पहले एक आदमी ने शराब के नशे में दुर्व्यवहार किया और इनके साथ गाली गलौज की। उस घटना ने इनके दिलो दिमाग पर पुऱुषों का ऐसा खौफ तारी किया कि उन्हें पुरुष समाज से ही नफरत हो गई। उसी वक्त इन दोनों महिलाओं ने फैसला किया कि वो जिन्दगी में कभी शादी नहीं करेंगी। अकेलापन इन्हें डराए नहीं इसलिए इन दोनों ने एक दूजे का साथ निभाने का फैसला किया। इस फैसले के खिलाफ सामाजिक नियम इनकी राह का रोडा़ बने। इन पर शादी करके घर संसार बनाने का दबाव पड़ा तो इन्होंने शादी भी की लेकिन किसी पुरूष से नहीं बल्कि एक आम के पेड़ से। तीस साल पहले हुई इस शादी का खर्च भी इन्होंने खुद उठाया था और पूरा जशपुरनगर इस शादी का गवाह बना था। आम के पेड़ से शादी इसलिए की क्योंकि आदिवासी प्रकृति प्रेमी होते हैं और प्रकृति को देवताओं की तरह पूजते हैं। बस इसी देवता को इन दोनों सहेलियों ने अपना जीवन साथी बना लिया लेकिन किसी पुरष को अपनाने से इंकार कर दिया। तीस साल के इस दोस्ती के सफर में इनका घर छूटा, परिवार छूटा लेकिन इनका साथ नहीं छूटा। साथ ही नहीं छूटा आम के पेड़ के साथ इनका साते फेरों का बंधन। इस पेड़ की परिक्रमा कर ही ये सहेलियां अपने दिन की शुरूआत करती हैं। अब इन सहेलियों की उम्र ढलने लगी है। हाथ-पैर जवाब देने लगे हैं लेकिन वे एक-दूसरे को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। अब तो गांव वाले भी इनकी दोस्ती के कायल हो गए हैं। आपको ये भी बता दूं कि इन दोनों महिलाओं की दोस्ती कहां हुई थी। दरअसल अकली बाई एख राजमिस्त्री थीं जिनके साथ बहुत से मजदूर काम करते थे। इन्हीं मजदूरों में से एक थीं बिलासो बाई। काम के दौरान ही इन दोनों की मुलाकात हुई और मुलाकात दोस्ती में बदल गई। अकली और बिलासो अपनी इस जिन्दगी से खुश हैं। उन्हें गर्व है कि उन्होंने अपनी दोस्ती का ये रिश्ता पूरी शिद्दत के साथ निभाया। इनकी दोस्ती को न दुनिया के रस्मोरिवाज तोड़ सके और ना ही विपरीत हालात। दुनिया चाहे तो इनकी दोस्ती से सबक ले सकती है। नकी दोस्ती पर आप क्या कहेंगे।

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