सोमवार, 27 अक्तूबर 2008
अनदेखे अनजानों लेकिन अपनों को दीपावली की बधाई
यूं तो ब्लॉग के बहुत सारे फायदे हैं लेकिन आज इसका सबसे बड़ा फायदा मुझे साक्षात दिखा और वो ये कि एक ही जगह बैठे बैठे मैं दुनिया के किसी भी कोने में बैठे किसी भी व्यक्ति को दीपावली की बधाई दे सकता हूं। जो मुझे जानते हैं उन्हें भी औरक जो नहीं जानते उन्हें भी। दरअसल व्लॉग की इस दुनिया में आकर बुहत से लोगों से एक रिश्ता बना। प्यार का रिश्ता। अनदेखे, अनजाने लेकिन अपने बल्कि अपनों से भी बढ़कर अपने, ऐसे लोगों को जानने, उन्हें समझने का मौका मिला। उनके विचारों को जानने और अपने विचारों से उन्हें अवगत कराने का मौका मिला। ब्लॉग के ज़रिए बने इस रिश्ते को परिभाषित करना नामुमकिन है। मेरे ब्लॉग पर आकर टिप्पणी करने वाले और आकर बिना टिप्पणी किए लौट जाने वाले मेरे सभी प्रियजनों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं। मैं जिनसे मिला उन्हें भी औऱ जिनसे नहीं मिला उन्हें भी रोशनी के इस त्योहार पर हार्दिक बधाइयां। दीपों का ये पर्व आपके जीवन में खुशियां लाए, तरक्की के नए रास्ते खुलें और जीवनपथ पर आप सभी सफलता पूर्वक आगे बढ़े यही मेरी चाहत है और ईश्वर से यही मेरी दुआ।
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2 टिप्पणियां:
आपको सपरिवार दीपोत्सव की शुभ कामनाएं। सब जने सुखी, स्वस्थ एवं प्रसन्न रहें। यही प्रभू से प्रार्थना है।
आपको भी सपरिवार दीपावली की शुभकामनाएं ।
घुघूती बासूती
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