29 जून 2009
तेरा आंचल जो ढल गया होता
रुख हवा का बदल गया होता
देख लेता जो एक झलक तेरी
चांद का दम निकल गया होता
झील पर खुद ही आ गए वरना
तुमको लेने कमल गया होता
पी जो लेता शराब आंखों से
गिरते गिरते संभल गया होता
क्यों मांगते वो आईना मुझसे
मैं जो लेकर गज़ल गया होता
तेरा आंचल जो ....
सोमवार, 29 जून 2009
बुधवार, 17 जून 2009
रख सको तो एक निशानी हूं मैं...
17 जून 09
अगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं
रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया
वोह एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं...
सबको प्यार देने की आदत है हमें
अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमे
कितना भी गहरा जख्म दे कोई
उतना ही ज्यादा मुस्कराने की आदत है हमें...
इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं
सवालों से खफा, छोटा सा जवाब हूँ मैं
जो समझ न सके मुझे, उनके लिए "कौन"
जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं
आँख से देखोगे तो खुश पाओगे
दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं...
"अगर रख सको तो एक निशानी
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मै...
अगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं
रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया
वोह एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं...
सबको प्यार देने की आदत है हमें
अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमे
कितना भी गहरा जख्म दे कोई
उतना ही ज्यादा मुस्कराने की आदत है हमें...
इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं
सवालों से खफा, छोटा सा जवाब हूँ मैं
जो समझ न सके मुझे, उनके लिए "कौन"
जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं
आँख से देखोगे तो खुश पाओगे
दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं...
"अगर रख सको तो एक निशानी
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मै...
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