शुक्रवार, 13 फ़रवरी 2009

भावनाओं पर मत रखो काबू

14 फरवरी 09



आज वेलेंटाइन डे है...यानि प्यार के इजहार का दिन...दिल की बात जुबां पर लाने का दिन...अनकहे एहसासों को बयां करने का दिन...यूं तो प्यार के इजहार का कोई वक्त नहीं होता...दिल के अरमान कभी भी मचल सकते हैं...एहसास कभी भी करवट ले सकते हैं लेकिन फिर भी दिल की रूमानियत की इस साझेदारी को लोगों ने एक खास दिन के दायरे में बांध दिया है...वेलेंटाइन डे...यही वो दिन है, जब दिल की तड़प को शब्दों के सांचे में ढालकर लोग एक दूसरे के साथ बांटते हैं...एक बार फिर पूरी सजधज के साथ ये खास दिन हमारे आपके बीच मौजूद है...यूं कहें कि एहसास को बयां करने का एक बहाना बनकर आ खड़ा हुआ है वैलेंटाइन डे...एक ऐसा दिन जब दूरियां नजदीकियों में बदल जाती है और दायरे टूट जाते हैं...प्रेमियों के लिए ये दिन किसी त्योहार से कम नहीं...इजहारे मोहब्बत के इस सिलसिले ने कब त्योहार का रूप ले लिया कोई नहीं जान सका...यूं तो ये त्योहार रोमन साम्राज्य और ईसाई धर्म से जुड़ा है। प्राचीन काल में इसे जूनो देवी की उपासना से जोड़कर देखा जाता था। जूनों प्रेम और सौंदर्य की देवी थी और रोमन नागरिकों का मानना था कि वे युवतियों को प्रेम और विवाह में सफलता का आशीर्वाद देती हैं। इस अवसर पर देवी की पूजा होती, पार्टियां दी जातीं, उत्सव मनाया जाता और लोग देवी से अपने प्रिय व्यक्ति को पति या पत्नी के रूप में मांगते। बाद में इसका स्वरूप बदला और इसे संत वेलेंटाइन से संबंधित कर दिया गया। क्लाडियस द्वितीय के शासनकाल में संत वेलेंटाइन नाम के एक लोकप्रिय बिशप थे, जिनका देहांत 14 फरवरी 270 ईस्वी को हुआ। उसी दिन से इस पर्व को उनकी याद में 14 फरवरी को मनाया जाने लगा। आज वही खास दिन एक बार फिर प्यार का संदेश लिए हाजिर है...कहते हैं प्यार करना जितना आसान है इजहार उतना ही मुश्किल और उसी मुश्किल को आसान बनाता है वेलेंटाइन डे...दिल की बात कहने का इससे अच्छा मौका कोई और नहीं हो सकता...गिरजाघरों में इस अवसर पर संत वेलेंटाइन की याद में प्रार्थनाएं होती रहीं और जनसामान्य ने इस दिन भेजे जाने वाले प्रेमपत्रो का नाम ही वेलेंटाइन रख दिया। आज ये दिन जाति और धर्म की सीमा से परे हर धर्म के प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व बन गया है। तो करिए ना इंतजार...उठाइए एक लाल गुलाब और कर डालिए अपनी भावनाओं का इजहार...ख्याल इस बात का रखिए कि उस इजहार में हो शालीनता, सम्मान और समर्पण।

1 टिप्पणी:

Udan Tashtari ने कहा…

पर्व विशेष के बारे में काफी जानकारी दे दी, आभार.

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