मंगलवार, 28 अक्तूबर 2008

नज़्में जो दिल को छू गईं

एक लम्हा
जिन्दगी नाम है कुछ लम्हों का
और उनमें भी वही एक लम्हा
जिसमें दो बोलती आंखें
चाय की प्याली से जब उठें
तो दिल में डूबें
डूब के दिल में कहें
आज तुम कुछ ना कहो
आज हम कुछ ना कहें
बस यूं ही बैठे रहें
हाथों में हाथ लिए
ग़म की सौगात लिए
गर्मी-ए-जज्बात लिए
कौन जाने कि इसी लम्हे में
दूर पर्वत पर कहीं बर्फ पिघलने ही लगे


आखिरी रात
चांद टूटा पिघल गए तारे
कतरा कतरा टपक रही है रात
पलकें आंखों पर झुकती आती हैं
अंखडियों में खटक रही है रात
आज छेड़ो न कोई अफसाना
आज की रात हमको सोने दो
खुलते जाते हैं सिमटे सुकड़े जाल
घुलते जाते हैं खून में बादल
अपने गुलनार पंख फैलाए
आ रहे हैं इसी तरफ जंगल
गुल करो शमा रख दो पैमाना
आज की रात हमको सोने दो
शाम से पहले मर चुका था शहर
कौन दरवाजा खटखटाता है
और ऊंची करो ये दीवारें
चोर आंगन में आता जाता है
कह दो आज है बंद मैखाना
आज की रात हमको सोने दो
जिस्म ही जिस्म कफन ही कफन
बात सुनते न सर झुकाते हैं
अम्न की खैर कोतवाल की खैर
मुर्दे कब्रों से निकले आते हैं
कोई अपना ना कोई बेगाना
आज की रात हमको सोने दो
कोई कहता था ठीक कहता था
सरकशी बन गई है सबकैशार
क़त्ल पर जिनको ऐतराज था
दफन होने पर क्यों नहीं तैयार
होशबंदी है आज सो जाना
आज की रात हमको सोने दो

सोमनाथ
बुतशिकन कोई कहीं से भी ना आने पाए
हमने कुछ बुत अभी सीने में सजा रखे हैं,
अपनी यादों में बसा रखे हैं।
दिल पे ये सोचकर पथराव करो दीवानों
कि जहां हमने सनम अपने छिपा रखे हैं,
वही गजनी के भी खुदा रखे हैं।
बुत जो टूटे तो किसी तरह बना लेंगे उन्हें
टुकड़े टुकड़े ही सही दामन में उठा लेंगे उन्हें
फिर से उजड़े हुए सीने में सजा लेंगे उन्हें
गर खुदा टूटेगा हम तो ना बना पायेंगे
उसके बिखरे हुए टुकड़े ना उठा पायेंगे।
तुम उठा लो तो उठा लो शायद
तुम बना लो तो बना लो शायद
तुम बनाओ तो खुदा जाने बनाओ कैसा
अपने जैसा ही बनाया तो कयामत होगी
प्यार होगा ना ज़माने में मोहब्बत होगी
दुश्मनी होगी अदावत होगी
हमसे उसकी ना इबादत होगी
वहशत-ए-बुतशिकनी देखकर हैरान हूं मैं
बुतपरस्ती मेरा सेवा है कि इंसान हूं मैं
एक ना एक बुत तो हर एक दिल में छुपा होता है
उसके सौ नामों में एक खुदा होता है।


नोट :
ये नज्में मैनें i tune store पर सुनी, अच्छी लगीं, किसकी हैं, नहीं जानता लेकिन आप लोगों की खिदमत में पेश कर रहा हूं।

3 टिप्‍पणियां:

फ़िरदौस ख़ान ने कहा…

अच्छी पोस्ट है...

फ़िरदौस ख़ान ने कहा…

आपको दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं...

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत सुन्दर नज्में.

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