गुरुवार, 15 जनवरी 2009

नाफ़रमानी मत करना



15 जनवरी 09
लड़कियां मुंह पर स्कार्फ नहीं बांधेंगी और ना ही मोबाइल लेकर चल सकेंगी। ये आदेश सरकारी नहीं है ना ही किसी धार्मिक संस्थान की तरफ से ऐसा कुछ कहा गया है। तो फिर किसने जारी किया है ये फरमान। दरअसल ये अनोखा फरमान आया है मध्य प्रदेश के खरगोन जिले की एक संस्था की ओर से। संस्था का नाम है श्री बीसा नीमा समाज। इस संस्था ने अपने समाज के लोगों के हित के नाम पर ये फरमान जारी किया है। फरमान में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इस समाज की लड़कियां सार्वजनिक स्थानों जैसे कॉलेज, स्कूल, बाजार, साइबर कैफै, रेस्टोरेंट आदि जगहों पर स्कार्फ लगाकर नहीं जा सकेंगी। यहां तक कि बाइक आदि पर भी वो स्कार्फ बांधकर नहीं चल सकेंगी। इसके अलावा इस फरमान में अभिभावकों को भी ताकीद की गई है कि वे अपनी बेटियों के मोबाइल उपयोग पर प्रतिबंध लगा दें। ऐसा न करना समाज से बगावत समझा जाएगा। सवाल उठता है ये फरमान आखिर क्यों...जवाब है...लव मैरिज...दरअसल इस समाज की कुछ लड़कियों ने पिछले कुछ दिनों में प्रेम विवाह किए हैं। ये लड़कियां अपने प्रेमियों से मिलती रहीं...उनके साथ इसी शहर में टहलती रहीं लेकिन घर वालों को भनक तक नहीं हुई...जिसकी एक बडड़ी वजह स्कार्फ को बताया जा रहा है। संस्था की मानें तो घर की बेटी स्कार्फ से चेहरा ढककर सामने से निकल जाती है और पहचान में नहीं आती। मोबाइल के बढ़ते दुरुपयोग को आधार बनाया गया है प्रतिबंध का...इससे पहले अप्रैल 2007 में भोपाल में सिंधी पंचायत ने बिरादरी की युवतियों पर मोबाइल टेलीफ़ोन का इस्तेमाल करने, दो पहिया वाहन चलाने और स्कार्फ़ से चेहरे को ढंकने पर पाबंदी लगाई थी। पंचायत का यह फ़ैसला सिंधी समाज की दो लड़कियों के घर से भागकर अपने प्रेमियों से शादी करने के बाद आया था। सिंधी पंचायत के इस फ़रमान के विरोध में उस वक्त कई आवाजें उठी थीं और इस तरह के फरमान को 'औरतों की आज़ादी पर प्रहार' बताया गया था। अब बीसा नीमा समाज का ये फरमान क्या रंग दिखाएगा ये देखने वाली बात होगी। मेरा सवाल ये है कि क्या इस तरह के फरमान जारी कर प्रेम विवाह या फिर यौन उत्पीड़न जैसी बुराइयों से निजात पाई जा सकती है। आपकी राय में क्या इस तरह के फरमान उचित हैं?

2 टिप्‍पणियां:

Vinay ने कहा…

बहुत घृणित आदेश है, तकनीक के ज़माने में ऐसा क्यों जिसने ऐसा कहा है, उसकी अपनी बेटी को संयम नहीं तो क्या औरों की बेटियों को भी संयम नहीं, हमें संयम सिखाना चाहिए ना कि ****ing आदेश ज़ारी करने चाहिए!


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तकनीक दृष्टा/Tech Prevue

Udan Tashtari ने कहा…

कुछ दुरुपयोग हो भी जाये तो भी आजादी पर ऐसे प्रहार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिये. निश्चित विरोध होना चाहिये.

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